मेरी मशक्कत बेटे से दूरी

ये कविता मैं अपने बेटे वेद के लिए और अपने परिवार के लिए लिख रहा हूँ ये बस मेरी परिस्थिति और संघर्ष का एक सीमित शारांश है जो मेरे आज और आने वाले कल को शायद बताने का प्रयास मात्र है ।

Dheeraj Power of Think

10/25/20231 min read

  1. उलझा हूँ,

  2. अपनी मशक्कत भरी,

  3. दुनिया मे,

  4. नाता सबसे तोड़ के,

  5. घर से ज़िम्मेदारी का मुह मोड के,

  6. बच्चे के बचपन से,

  7. रिश्तों की भावनाओं से,

  8. सिर्फ मंजिल की तलाश मे,

  9. जो मेरी नजरों के सामने है,

  10. पर पहुँच से दूर है,

  11. ऐ मंजिल पास आ मेरे,

  12. थाम ले मेरी मशक्कत का दामन,

  13. तो तुझे एहसास होगा,

  14. मेरी तनहाई का,

  15. की तेरे लिए मैंने,

  16. क्या-क्या खोया है,

  17. की तेरे लिए मैंने,

  18. क्या कीमत चुकाई है,

  19. की तेरे लिए मैंने,

  20. किस हद तक खुद को जलाया है,

  21. एक दीपक की आस मे,

  22. खुद आग बन के जला हूँ मैं,

  23. तेरी ख़्वाहिश मे,

  24. खुद से ही लड़ा हूँ मैं,

  25. अब और सब्र का इंतेहान न ले,

  26. अब और वक्त का गुजारा नहीं होता,

  27. मेरा बेटा बच्चा ही रहे,

  28. बाप के लिए बच्चे के अलावा,

  29. कोई सहारा नहीं होता,

  30. बचपना खो रहा हूँ मैं,

  31. तेरी तलाश मे,

  32. मेरा बेटा बचपन से बाहर आ जाए,

  33. उससे पहले मेरे मालिक,

  34. मुझे मंजिल मिल जाए,

  35. कहीं बेटे के बचपन को,

  36. मैं बुढ़ापे मे याद भी न कर पाऊँ,

  37. क्योंकि मैंने वो बचपन,

  38. ठीक से देखा ही नहीं है,

  39. मंजिल की राह भले आसान न हो,

  40. पर मेरी पहुँच से दूर नहीं,

  41. तुझे पाना मेरा जुनून है,

  42. कर ले लाख कोशिशें,

  43. मुझसे दूर होने की,

  44. आना मेरी नसीब मे ही है तुझे,

  45. ये तकदीर है मेरी,

  46. मैं हार नहीं सकता,

  47. इस रास्ते मे रुक नहीं सकता,

  48. हासिल तो कर ही लूँगा,

  49. अपनी मंजिल को,

  50. मुझ से मेरा मुकद्दर बच नहीं सकता,

  51. उलझा हूँ,

  52. अपनी मशक्कत भरी,

  53. दुनिया मे,

  54. पर जीत के दिन,

  55. अब नजदीक है,

  56. क्योंकि अब बात सिर्फ,

  57. मंजिल की नहीं,

  58. अब एक बाप की जिद है,

  59. बेटे का बचपन पाने की,

  60. ऐ मंजिल,

  61. तुझे पाने का हौसला,

  62. मेरी ख़्वाहिश ही नहीं,

  63. मेरी जरूरत का हिस्सा भी तू ही है,

  64. अब कोई रोक नहीं सकता,

  65. मुझे तुझ तक आने से,

  66. की मेरी मंजिल का मोड़,

  67. अब मेरी सफलता के,

  68. रास्ते मे ही पड़ता है,

  69. रुकना अब संभव नहीं ! क्योंकि,

  70. मरने से पहले रुकना, मेरी फितरत नहीं है ।

मेरे बेटे वेद के लिए एक भाव... (05/10/2025)

Love You मेरे बच्चे...

मैं सब ठीक कर दूंगा...